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गुरुवार, 31 दिसंबर 2015

अपना बचपन न छिनने दो : बाबुषा कोहली



          “प्रेम गिलहरी : दिल अखरोट” की रचनाकार साहित्यकार श्रीमती बाबुषा कोहली टाक शो के अंतर्गत बालभवन के बच्चों चर्चा में कहा कि – आज के दौर का सबसे बड़ा  संकट बचपन छिनने का संकट है । अत्यधिक सूचनाओं के प्रवाह से बाल-मनोस्थितियां बेहद विचलित हुई है ।  आज समय से पहले बच्चों का बड़ा हो जाना एक मजबूरी है । साहित्य एक ठहराव की प्रेरणा देता है । ताकि मासूम बचपन भ्रम की स्थिति में न हो । हमारे दौर में हम बालसाहित्य से जुड़े होते थे । जो हमारे भाषाई विकास में सहायक साबित हुआ । पर अब चैट में प्रयुक्त हो रही  शब्दावली से न तो हिन्दी अँग्रेजी अथवा अन्य किसी भी भाषा को लाभ नहीं हुआ । तदाशय के विचार  श्रीमती बाबुषा कोहली ने बालभवन द्वारा आयोजित टाक शो में बच्चों द्वारा किए सवालों के जवाब में कही गई ।
               इस अवसर पर वर्षांत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में बाल-भवन के बच्चों ने दी । कार्यक्रम में  गिरीश बिल्लोरे संचालक बालभवन,  श्री सुनील कोहली श्री प्रहलाद पटेल विशेष रूप उपस्थित थे ।

                 कार्यक्रम में श्रीमती रेणु पांडे, सुश्री शिप्रा सुल्लेरे, श्री इंद्र पांडे, श्री देवेन्द्र यादव, श्री सोमनाथ सोनी, टी आर डेहरिया का विशेष योगदान रहा । कार्यक्रम का संचालन बाल साहित्यकार कुमारी सुनीता केवट एवं बाल संवाद लेखिका कुमारी सृष्टि गुप्ता ने किया ।     

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