शनिवार, 27 मई 2017

संभागीय बालभवन में अन्य जिलों से भी आ रहीं हैं बालप्रतिभायें


SANAA 
SHRI ANSH 
सना परवीन मैहर में रहतीं हैं गायन और अभिनय का शौक सना को बालभवन जबलपुर की ओर खींच लाया. सना २०१६ से बाल भवन जबलपुर में पंजीकृत हैं. अपनी साधना से इस बेटी ने बॉबी नाटक में माँ का चरित्र निभाया .
इमलिया गाडरवारा निवासी श्रीअंश विश्वकर्मा को पेंटिंग का शौक है अपनी ननिहाल में छुट्टी मनाने आए 12 वर्षीय  श्रीअंश को पेंटिंग का शौक है वे बालभवन पेंटिंग सीख रहे हैं ..
सतना से आई 7  वर्षीय पृथा गुप्ता को चित्रकारी  क्लासिकल डांस का शौक है.
SEJAL 
15 वर्षीय सेजल तपा कटनी से आकर तबला सीख रहीं हैं . 2014 से बालभवन में पंजीकृत हैं . अवकाश के दिनों में वे कटनी से आना जाना करतीं हैं . सेजल ने 2014 , 2015, 2016 में बालभवन का प्रतिनिधित्व प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के लिए किया.
बालाघाट की बेटियाँ आशिता एवं एत्रा तिवारी इस वर्ष संगीत के लिए पंजीकृत हुई हैं . 


ETRA 

PRUTHA GUPTA 
 15 वर्षीय विमल पटेल बढेरुआ मैहर जिला सतना से आकर पेंटिंग सीख रहे हैं नेत्र दिव्यांग कुमारी माया पटेल  सतना से , तथा मास्टर प्रवीन उद्दे मंडला से हैं दौनों ने ही राष्ट्रीय बाल श्री में क्रमश राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर हिस्सा लिया

VIMAL PATEL 
ASHITA TIWARI 
संचालक संभागीय बाल भवन द्वारा जबलपुर संभाग शहडोल संभाग के जिलों से बालकेन्द्रों की स्थापना के प्रयास तेज किये हैं. स्मरण हो कि इस सत्र से संभागीय  बालभवन जबलपुर को  संगीत महाविद्यालय  का दर्जा प्राप्त होने की सम्पूर्ण कार्रवाई पूर्ण हो चुकीं हैं  
    

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

बालभवन जबलपुर - महत्वपूर्ण सूचनाएं

विश्वविद्यालयीन प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 31 अगस्त 2017 को समाप्त 
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क्रमांक /  622 / 2017                                            जबलपुर 28 अप्रैल 17
                // महत्वपूर्ण सूचनाएं //
1.  प्रवेश हेतु आयु :-
बालकों के लिए –     5 से 16 वर्ष
बालिकाओं के लिए – 5 से 18 वर्ष
2.  पंजीयन शुल्क मात्र रूपए  60 =00 वार्षिक जिसका भुगतान   प्रवेश हेतु निर्धारित आवेदन प्रारूप रूपए  10 =00 तथा शेष रूपए 50=00 फ़ार्म जमा करने पर देय होगा . जिसकी रसीद अंतिम भुगतान पर प्राप्त होगी
3.  पंजीयन उपरांत  आई-कार्ड प्राप्ति के बाद ही प्रशिक्षण हेतु कक्षाओं में प्रवेश मिलेगा. फ़ार्म जमा  करने के बाद अधिकतम  दो दिन तक प्रवेश कार्य पर मौजूद कर्मचारी के द्वारा दी गई अस्थाई प्रवेश पर्ची के आधार पर प्रवेश संभव है.
4.  राजा मानसिंह तोमर संगीत महाविद्यालय से नृत्य , अभिनय , ड्राईंग पेंटिंग , वादन आदि के लिए वार्षिक प्रशिक्षण सत्रों के लिए प्रवेश हेतु 1 जुलाई 17 के पूर्व निम्नानुसार आवेदन देना होगा
  प्रति
          डा. शिप्रा सुल्लेरे
          प्रभारी परीक्षा विभाग  
          बालभवन जबलपुर
मैं.............................. ........ आत्मज/ आत्मजा ....................... विधा............. में परीक्षा देना चाहता हूँ
                            
अभिभावक के हस्ताक्षर                    छात्र के हस्ताक्षर नाम सहित
                                                   पंजीयन क्रमांक  

5.   प्रशिक्षण समयावाधि
अ.               1 मार्च से 30 जून तक प्रात :- 7:00 से 02:00 बजे तक (ग्रीष्म कालीन परिस्थियों के अनुसार जिला / राज्य शासन के आदेश अनुसार समय सीमा नियत होगी  )
  ब.  1 जुलाई से प्रात: 10:30 से 05:30 बजे तक
  स.   अवकाश :- सभी शासकीय / स्थानीय अवकाश , 1 जुलाई से  
         28 फरवरी तक प्रशिक्षण प्रत्येक  शनिवार को अपरान्ह 2 बजे से 5:30 बजे तक तथा रविवार को प्रात: 10:30 से 05:30 बजे तक प्रशिक्षण दिया जावेगा. सोमवार को अवकाश होगा. किन्तु कार्यशालाएं आयोजित हो सकेंगी.  
                                   // आईकार्ड //                 
6.  जिन बच्चों के *आई-कार्ड* बन चुके हैं तथा वे बिना *आई-कार्ड* के बाल भवन में आ रहें हैं उनको बिना *आई-कार्ड* के बाल भवन जबलपुर में प्रवेश वर्जित होगा ।
7.  *आई-कार्ड* कटा फटा अथवा बिना फोटो के होने पर भी प्रवेश वर्जित होगा ।
8.  पूर्व वर्ष से पंजीकृत बच्चे *आई-कार्ड* नवीनीकृत करा कर ही कक्षाओं में प्रवेश पा सकते हैं ।
9.  बालश्री हेतु चयनित बच्चों को आगामी तीन कार्य दिवस में कार्ड रिप्लेस कराना अनिवार्य है । अन्यथा उन्हें बालश्री के ज़ोनल स्तर के लिए चयन सूची से बाहर कर दिया जावेगा ।
अभिभावकों द्वारा *आई-कार्ड* के बिना वापस भेजे जाने आपत्ति को अस्वीकार एवम शासकीय कार्य में बाधा माना डालेगा ।
10.         *आई-कार्ड* में आधार कार्ड / समग्र आई डी कार्ड का क्रमांक ब्लडग्रुप का विवरण अंकित होता है । कृपया उक्त दस्तावेज फार्म में अवश्य लगाऐं ।
11.         *आई-कार्ड* के बिना कक्षाओं में प्रवेशित बच्चे पाए जाने पर अनुदेशकों पर भी कार्यवाही होगी .
12.         विद्यार्थीयों को अपना आई डी कार्ड एवं भुगतान रसीद को सुरक्षित रखना होगा.
13.          किसी भी स्थिति में संस्थान की मर्यादा भंग करने, अनावश्यक विवाद करने तथा अनाधिकृत प्रवेश, के लिए ज़िम्मेदार पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जावेगी.



गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

Balbhavan With Nai Duniya


बाल भवन के नन्हें कलाकारों का गौरैया के प्रति समर्पण देकर सभी भावविभोर हो गए। अभिनय के दौरान बच्चों के हावभाव ने छात्र-छात्राओं का दिल जीत लिया। इसके बाद सभी ने एक सुर में गौरैया को वापस लाने का संकल्प लिया। अवसर था विस्डम पब्लिक स्कूल और शासकीय मानकुंवर बाई कॉलेज में नईदुनिया द्वारा आयोजित नुक्कड़ नाटक का।
नाटक के दौरान नन्हें कलाकारों ने गौरैया को वापस लाने की अपील की। इस दौरान उन्होंने गौरैया की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला। नाटक में पेड़ दादा और बैल चाचा का दर्द भी बताया गया। बच्चों ने बताया कि विलुप्त होती गौरैया अब केवल वाट्सअप और फेसबुक पर ही नजर आती है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि गौरैया को वापस लाने के लिए सभी से आंगन और छत पर दाना-पानी रखने कहा। नाटक में कहा गया कि घरों में लगी जालियों के कारण गौरैया अपने पास नहीं आती।
इनका रहा सहयोग
- निर्देशन- संजय गर्ग
- गीत रचना- गिरीश बिल्लौरे
- संगीत- शिप्रा सुल्लेरे
- बाल भवन के उप संचालक गिरीश बिल्लौरे के निर्देशन में बाल भवन के कलाकारों ने नाटक तैयार किया।
नन्हें कलाकार- वैशाली बरसैंया, आस्था अग्रहरि, वैष्णवी बरसैंया, मानसी सोनी, सागर सोनी, आशुतोष रजक, मिनी दयाल, श्रेया खंडेलवाल, पलक गुप्ता, मनीषा तिवारी।
मिलकर करेंगे प्रयास
कक्षा 12वीं की वैभवी परांजपे ने कहा कि गौरैया को वापस लाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। लोग अपने घरों में दाना-पानी रखें। उन्हें घोसलों को उजाड़ें नहीं। गौरैया को काफी दिनों से नहीं देखा। नईदुनिया का अभियान सराहनीय है। इसके माध्यम से लोगों में जागरूकता आएगी।
सभी पक्षियों को बचाना होगा
कक्षा 9वीं की शिवानी स्वामी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गौरैया ही नहीं बल्कि सभी पक्षियों को बचाना होगा। नईदुनिया के अभियान के माध्यम से लोग जुड़ेंगे। इसमें सभी का कोई न कोई रोल होना चाहिए। इस अभियान को महाअभियान बनाना चाहिए।
कार्यक्रम से मिली प्रेरणा
कक्षा 11वीं के देवाशीष बोहांकर ने बताया कि बाल भवन के नन्हें कलाकारों द्वारा आयोजित इस नुक्कड़ नाटक से लोगों को प्रेरणा मिलेगी। लोग सकारा और दाना रखेंगे। जिससे भीषण गर्मी में पक्षियों को राहत मिलेगी। हमारी गौरैया एक बार फिर हमारे आंगन में चहकेगी।
सभी का योगदान होना चाहिए
कक्षा 11वीं के कार्तिक रजक ने कहा कि हम क्या खो रहे हैं। इस कार्यक्रम ने हमें जगा दिया। गौरैया को बचाने में सभी का योगदान होना चाहिए। गौरैया को बचाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। हम लोग मिलकर भी गौरैया को बचाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।
विस्डम पब्लिक स्कूल की प्राचार्य मोनदिरा सनियाल ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए यह अभियान जरूरी है। बच्चे इस अभियान से जुड़े। घरों में सकोरे रखें और गौरैया को संरक्षित करने प्रयास करें। नईदुनिया का प्रयास पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी सराहनीय है।
विस्डम पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में डायरेक्टर राधिका खोडियार, हर्षित खोडियार, मोहिनी मालवीय, मधु पात्रे, मृदुला श्रीवास्तव, पूजा पांडे, नीता जैन, विजय लक्ष्मी उपाध्याय, स्नेहा सबलोक, कीर्ति मालवीय, सिवनी असाटी, रितु यादव, मनोज खरे, रवि प्रांसिस, अर्चना असर, राधिका मालवीय, रश्मि दुबे, अंशु कोहली, अंजुली राजपूत, ब्रंदा सिंह, दीप्ति आदि मौजूद थी।
मानकुंवरबाई कॉलेज में आयोजित नुक्कड़ नाटक के दौरान डॉ. नूपुर देशकर, डॉ. राजेश शामकुंवर, डॉ. रजनी शर्मा, डॉ. नंदिता त्रिवेदी, डॉ. अरुणा, डॉ. मीनू मिश्रा, डॉ. वरुण, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ. अंजु यादव, प्रसन्ना आदि मौजूद रहे।

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

“दो माह में दो नाटक तैयार करेगा बालभवन ”



संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा बाबा भीम राव अम्बेडकर जयंती दिनांक 14 अप्रैल 2016 से बालनाट्य एवं अभिनय कार्यशाला प्रारम्भ की गई . कार्यशाला का संचालन श्री संजय गर्ग  द्वारा किया जा रहा है. इस कार्यशाला में 2 बालनाटक तैयार किये जावेंगे. प्रथम नाटक पोट्रेटस है जिसका मुख्य पात्र नकारात्मक विचारों वाला एक कलाकार है . जो अपने मित्रों के मुखौटे एवं चित्र बनाता है पर उनको  को किसी न किसी नकारात्मक हिंसक चरित्र या पशु के रूप में बनाता है. अंत में एक यक्ष उन सभी को उसी रूप में सजीव कर देता है जिस रूप में कलाकार उसे देखता है. और अंत में सभी पात्र कलाकार के पास आते हैं जिनसे भयभीत होकर भागता है और बचने के लिए स्थान तलाशता है. इस नाटक के  लेखक गिरीश बिल्लोरे हैं . संगीत रचना शिप्रा सुल्लेरे तथा कोरियोग्राफी सुश्री प्रभुता चौबे करेंगीं.
           निर्देशक श्री संजय गर्ग ने बताया – “बाल-रंगकर्म के लिए बालभवन की भूमिका उल्लेखनीय है. संस्थान ने रानी अवंतिबाई के जीवन पर आधारित नाटक के अलावा विगत वर्ष बॉबी नाटक तैयार किया था. जिसका 5 बार मंचन किया जा चुका है.”
          

गुरुवार, 13 अप्रैल 2017

नई दुनिया जबलपुर के साथ Balbhavan Jabalpur ने *लौट आओ गौरैया* गीतनाटिका के ज़रिए गौरैया बचाओ अभियान में भागीदारी तय की है । दिनांक 13 अप्रैल 17  से प्रारंभ इस कार्यक्रम का प्रदर्शन सात दिनों तक कई स्कूलों में होगा ।
निरंतर ७ दिन तक अथक परिश्रम के बाद यह गीतनाटिका तैयार हुई है. 

फुदक चिरैया उड़ गई भैया
माँ कहती थी आ गौरैया
कनकी चांवल खा गौरैया उड़ गई भैया उड़ गई भैया ..!!
पंखे से टकराई थी तो काकी चुनका लाई थी !
दादी ने रुई के फाहे से
जल बूंदे टपकाई थी !!
होश में आई जब गौरैया उड़ गई भैया उड़ गई भैया ..!!
गेंहू चावल ज्वार बाजरा
पापड़- वापड़, अमकरियाँ ,
पलक झपकते चौंच में चुग्गा
भर लेतीं थीं जो चिड़ियाँ !!
चिकचिक हल्ला करतीं - आँगन आँगन गौरैया ...!!
जंगला साफ़ करो न साजन
चिड़िया का घर बना वहां ..!
जो तोड़ोगे घर इनका तुम
भटकेंगी ये कहाँ कहाँ ?
अंडे सेने दो इनको तुम – अपनी प्यारी गौरैया ...!!
हर जंगले में जाली लग गई
आँगन से चुग्गा भी गुम...!
बच्चे सब परदेश निकल गए-
घर में शेष रहे हम तुम ....!!
न तो घर में रौनक बाक़ी, न आंगन में गौरैया ...!!

शुक्रवार, 24 मार्च 2017

आर्ट डायरेक्टर श्री राज सैनी संभागीय बाल भवन में

    मशहूर सीरियल  रामायण, सहायक आर्ट डायरेक्टर सीरियल  शिर्डी साईं बाबा, बाइबल कि कहानियां, आदि सीरियल्स के आर्ट डायरेक्टर नन्ही आँखें  एवं राजनीति  वक्त हमारा है, पनाह, कन्यादान, अंगारे आदि फिल्मों के सहायक आर्ट डायरेक्टर श्री राज सैनी संभागीय बालभवन जबलपुर के विशेष आमंत्रण पर दिनांक 27 मार्च से 31 मार्च 2017 तक बाल भवन परिसर में बालकलाकारों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण देंगें. यह प्रशिक्षण पूर्णत: निशुल्क है. प्रशिक्षण सत्र प्रतिदिन प्रात: 11 बजे से शाम 5:00 बजे तक 4 सत्रों में  संचालित होगा जिसमें 5 से 16 वर्ष के बालक एवं 5 से 18 वर्ष की बालिकाएं भाग ले सकतीं हैं.  अनाथ एवं दिव्यांग बच्चों को एवं बालिकाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जावेगी. 
        जिन बच्चों को इस प्रशिक्षण का लाभ लेना है वे दिनांक 25 मार्च 17 तक अपना नाम पंजीकृत करा सकते हैं.


गुरुवार, 23 मार्च 2017

नन्ही चिड़िया

नन्हें - नन्हें पंखों से वह ,
उड़ती है उस आसमान में
उसे घूमता-फिरता देख,
बस जाती वह मेरे मन में.
रोज सवेरे वह जग जाती ,
फिर धीरे से हमें उठाती.
हर दम वह चिक-चिक करती है,
लेकिन कभी ना तंग करती है .
पेड़ों की डालों में रहता ,
है उसका इक नन्हा घर.
अपने चूज़ों को वह उसमें,
देती है दानें लाकर.
अपने बच्चों को , सिखाती
कैसे है जीना इस जग में.
फिर धीरे से उन्हें सिखाती,
उड़ना है उस आसमान में.
जीने का अधिकार इन्हें भी
फिर क्यों इन्हें भगाते हैं .
उड़ जाती हैं जब आँगन से,
आँगन सूने पड़ जाते हैं .
यदि अलोप हो गए ये पक्षी,
तो क्या अगली पीढ़ी को तुम,
चित्रों से दशाॆओगे और
आसमान की यह कहानी
क्या इतिहास बनाओगे?
            - उन्नति तिवारी

मंगलवार, 21 मार्च 2017

Poetry डस्टबीन...!!

डस्टबीन हूं खाली हूं देखो
भूखा हूं दो कचरा लाकर
कूड़ा करकट अटपट गटपट.
सब कुछ भर दो मुझमें आकर
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पक्का तुम मुझको भर दोगे
साफ़ सफ़ाई जब कर लोगे
चाट-पकौड़ी खाके चाचू-
रस्ते में पत्ते फ़ैंकोगे…?
डस्टबीन हूं… पास रखा हूं..
कचरा डालो मुझमें.. आकर ..
डस्टबीन हूं ……..
********************
गंदी सड़क सराफ़े वाली
पुरवा और गोकलपुरवाली
गली गली में ढेर गंदगी –
मिली सड़क न सुंदर वाली.
सुंदर शहर एक दिन में होगा..
अपना हिस्सा साफ़ बनाकर
डस्टबीन हूं ……..
********************
दूर बीमारी दूर गंदगी
सबके मन में बात यही
घर का कचरा सड़क पे न हो –
शहर को दो सौगात यही .
सुंदर शहर जबलपुर होगा..
खुद हम साफ़ करें जो आकर

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शनिवार, 18 मार्च 2017

“30 दिवसीय शौर्या-शक्ति प्रशिक्षण कार्यक्रम से 1200 बालिकाएं लाभान्वित हुईं ”


संभागीय बाल भवन जबलपुर द्वारा निर्भया  दिवस  दिनांक  16 दिसंबर 2014 से प्रारम्भ  मार्शल आर्ट प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन  31 दिसंबर 2014 को बाल भवन परिसर में श्रीमती प्रज्ञारिचा श्रीवास्तवआईपीएसआईजी-महिला सेल,जबलपुर के मुख्यआतिथ्य में सम्पन्न हुआ था तब अपने उदबोधन में श्रीमती प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव ने बच्चों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि जो बच्चों ने मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं वो किसी भी स्थिति में जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है  खासकर तब और आवश्यक है जब कि सामाजिक परिस्थितियाँ सामान्य नहीं हैं ।

किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि किसी अन्य व्यक्ति खासकर बालिकाओं,   बच्चों ,  महिलाओं ,  के विरुद्ध हिंसक हो । बच्चे देश का  भविष्य हैं हमारी कोशिशें ये होनी चाहिए कि हम खुद बेहतर तरीके से जिएं  और समूचे समाज को सुख से जीनें दें । बाल भवन के इस प्रयास से मैं बेहद उत्साहित हूँ ।
मेरा सुझाव है कि प्रशिक्षण निरंतर जारी रहे इस हेतु जो भी सहयोग अपेक्षित हो उसके लिए सदैव तत्पर हूँ ।
 बालभवन जबलपुर ने उनकी सलाह मानते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम को श्री नरेंद्र गुप्ता जी के नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के वादे के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम को  निरंतरता दी. और वर्ष 2015 तक हम 400 बच्चों कोप्रशिक्षित कर सके. 23 दिसंबर 2015 को दीक्षांत समारोह में रानी दुर्गावती संग्राहालय ग्राउंड में प्रदर्शन के उपरांत 8 जनवरी 2016 को सबला सम्मेलन में प्रशिक्षित बालिकाओं ने स्ट्रीट फाईट का मंचीय प्रदर्शन मानस भवन में कर सभी को चकित कर दिया. अगस्त 2016 में पुन: सरस्वती शिशु मंदिर में प्रदर्शन किया गया द्वितीय चरण में बालभवन जबलपुर ने बेटियों में आत्मविश्वास जगाने तथा सड़क पर असामाजिक तत्वों को सबक सिखाने उनसे निपटने  30 दिवसीय शौर्या-शक्ति प्रशिक्षण कार्यक्रम के”  तैयार कर  1 सितम्बर 2016 से नई पहल श्री दिग्विजयसिंह , सचिव, मध्यप्रदेश ओलोम्पिक के आतिथ्य में बालभवन परिसर में प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई . जिसका संचालन बिदाम बाई गुगलिया स्कूल, माता गुज़री कालेज, बालभवन, शासकीय स्कूल बरगी में किया गया. दिसंबर 2016 तक लगभग 800 बालिकाएं प्रशिक्षित हो चुकीं हैं. इन प्रशिक्षणों में डा पंकज शुक्ल (बिदामबाई स्कूल), श्रीमती अभिलाषा शुक्ल (माता गुज़री कालेज), श्रीमती आरती साहू (बरगी) का उल्लेखनीय सहयोग रहा . 24 जनवरी 2017 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बालभवन द्वारा आत्मरक्षा  प्रदर्शन से प्रेरित होकर होमसायंस कालेज की प्रोफ़ेसर  डा. राजलक्ष्मी त्रिपाठी एवं नचिकेता कालेज की  डा (श्रीमती) श्रीकांता अवस्थी द्वारा 30 जनवरी 2017 से अपने अपने महाविद्यालयों में 30 दिवसीय शौर्या-शक्ति प्रशिक्षण कार्यक्रमके आयोजन की पेशकश की . दौनों ही प्रशिक्षण केन्द्रों में क्रमश: 100 एवं 40 कुल 140 बालिकाओं को दिनांक 30 जनवरी 2017 से प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया. 




बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

संभागीय बालभवन, जबलपुर

कार्यालय संचालक संभागीय बाल-भवन     (म.बा.वि. ) जबलपुर
383 जवाहरगंज वार्ड में रोड गढ़ाफाटक, जबलपुर
फोन :-  07999380094, balbhavanjbp@gmail.com
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 // संक्षेपिका //
 “संभागीय बालभवन जबलपुर मध्यप्रदेश के उन्नयन विषयक”
भाग  01
सामान्य-परिचय
जबलपुर जिले में संभागीय बालभवन की स्थापना मई 2007 से संचालित है. इसमें 2019 के लिए  900 बच्चों का पंजीयन पूर्ण हो चुका है .  
1.              उद्देश्य :- बच्चों में सृजनात्मकता को बढ़ावा  देने के लिए ऐसी गतिविधियों का संचालन करना जिससे  बच्चों की सृजनशीलता की पहचान कर उनकी अभिरुचि अनुसार सृजनक्षमता को समुचित अवसर दिया जा सके .
2.              लक्ष्य :- आयुवर्ग 05 से 16 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को संगीत चित्रकलाकम्प्यूटर प्रशिक्षणखेलकूदअभिनयसाहित्य- सृजनात्मक साहित्य  लेखन गद्य-पद्य व्यक्तित्व विकास संवाद एवं सम्प्रेषण, मार्शल आर्ट आदि का प्रशिक्षण उनकी अभिरुचि के अनुसार देकर उनको विधा/योग्यतानुसार मंच प्रदान कराना तथा  बालिकाओं को जो 16 से 18 वर्ष की होतीं हैं को केवल पाककला के लिए कोर्ष चलाना . 
संचालित संभागीय बाल भवन में निम्नानुसार गतिविधियां नियमित रुप से संचालित है
1-   संगीत  गायन  में लोकशास्त्रीयसुगम,  वादन में ताल-वाध्यस्वर-वाद्यका प्रशिक्षण दिया  जाता है.    
2-   चित्रकला- क्रॉप्ट वर्कमूर्तिकलाचित्रकलाप्रशिक्षण दिया  जाता है.   3- कम्प्यूटर प्रशिक्षण – ग्राफिक्स डिजाईनडिज़िटल वर्क   
4- खेलकूद- इनडोर एवं आउटडोर खेल,
5- पाककला – साप्ताहिक शिविर के ज़रिये पौष्टिक आहार बनानाफायर-लेस कुकिंग,
6- 30 दिवसीय शौर्या शक्ति आत्मरक्षा प्रशिक्षण-  विशेष रुप से बालिकाओं  हेतु इस प्रशिक्षण  के तहत करातेभारतीय मार्शल आर्ट कलरई-पयटट द्वारा आकस्मिक परिस्थिति में हुए आक्रमण छेड़छाड़ से बचाव हेतु बालिकाओं में आत्मविश्वास को बढाने के उद्देश्य से ब्लाकिंगपंचिंगफाइटिंग की सुव्यवस्थित ट्रेनिंग दी जाती है. यह प्रशिक्षण 30 दिवस का है जिसमें अवकाश शामिल नहीं है 
7- अभिनय :- संवाद लेखनप्रस्तुतिलोक एवं  बाल नाट्य प्रोसेनियमनुक्कड़ नाटक.
8- साहित्य :-  सृजनात्मक साहित्य  लेखन गद्य-पद्य संवाद ,
9- व्यक्तित्व विकास :- बच्चों में संवाद एवं सम्प्रेषण की क्षमता के विकास के लिए शिविर लगाकर प्रशिक्षण दिया जाता है. साथ ही प्रति बुधवार नैतिक तथा प्रेरक शिक्षण की व्यवस्था है.    
उपलब्धियां
इस संस्थान में प्रशिक्षित कु. ख़ुशी पॉल 2010, मास्टर संतलाल पाठक 2012, मास्टर रोहित गुप्ता 2013, मास्टर शुभमराज अहिरवार 2014 , को पूर्व वर्षों में तथा वर्ष  2015  कुमारी श्रेया खंडेलवाल एवं मास्टर अभय सौंधिया 2018 में मास्टर अंकुर विश्वकर्मा एवं कु. राजश्री चौधरी  को राष्ट्रीय स्तर के बालश्री सम्मान प्राप्त हुए है. साथ ही वर्ष 2016 में  4 बच्चों समूहगान स्पर्धा में  मास्टर आदर्श अग्रवालमास्टर अब्दुल रहमानमास्टर चन्दन सेनमास्टर प्रगीत शर्मा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. पूर्व कला विभाग की छात्रा कु. मुस्कान किरार एशियन गेम्स तीरंदाजी  विजेता रजत पदक प्राप्त हुआ जबकि कुमारी इशिता विश्वकर्मा ने सारेगामापा संगीत स्पर्धा में प्रथम स्थान अर्जित किया है.
                                     बालश्री चयन 2016
वर्ष 2017-18 में वर्ष  2016   के लिए राज्य स्तरीय बालश्री  चयन शिविर हेतु नामांकित 19  बच्चों में से 08 बच्चे क्रमश: बीनस खान, वैशाली बरसैंया, अंकुर विश्वकर्मा, शिखा पटेल, साक्षी साहू, देवांशी जैन, अंकित बेन, राजश्री चौधुरी का चयन 21 से 24 मार्च 2018 तक नॅशनल बालभवन में आयोजित  राष्ट्रीय बालश्री  चयन शिविर हेतु  चयनित हुए हैं.   
                                  ऑडियो एलबम
 प्रादेशिक स्तर पर बालभवन द्वारा शासकीय योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु दो एलबम लाडो मेरी लाडोतथा लाडो-पलकें झुकाना नहीं तथा नगर निगम जबलपुर के लिए स्वच्छता सन्देश” एलबम तैयार किये जा चुके हैं
थियेटर
संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा 2017 में बॉबी एवं मिला तेज़ से तेज नाटक तैयार किए गए जिनमें बॉबी का मंचन भोपाल में दो बार जबलपुर में 3 बार किया गया जबकि तेज़ से तेज नाटक की 3 प्रस्तुतियां जबलपुर में हो चुकीं हैं. 11 अप्रैल 2018 को भोपाल में इसका मंचन किया जावेगा.
नई दुनिया जबलपुर के सहयोग से लौट आओ गौरैयाका एक सप्ताह तक मंचन शहर के स्कूलों एवं सार्वजनिक स्थानों में किया गया. साथ ही नगर निगम जबलपुर के स्वच्छता अभियान, पर्यावरण विभाग को  सहयोग करते हुए बालभवन द्वारा नुक्कड़ किये गए .
बालभवन की सीनियर छात्रा कुमारी मनीषा तिवारी प्रथम बालिका नाट्य निर्देशक के रूप में जानी जातीं हैं.    
इशिता लाडो अभियान के थीम गीत “लाडो मेरी लाडो” की मुख्य गायिका है। गीत-संगीत के प्रति बचपन से ही लगाव रखने वाली इशिता के पिता अंजनी विश्वकर्मा और मां तेजल विश्वकर्मा का भी संगीत एवं गायन के क्षेत्र में अच्छा स्थान है । टेलीविजन एवं स्टेज शो में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी इशिता ने पांच वर्ष की आयु में ही संभगीय बाल भवन जबलपुर में संगीत की शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रवेश ले लिया था। वह बाल भवन की संगीत शिक्षिका डाक्टर शिप्रा सुल्लेरे की शिष्या है।
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस ( 08 मार्च 2018 ) पर भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इशिता को ‘लाडो सम्मान’ के साथ ही 51 हजार रूपये का चेक भी प्रदान किया गया। समारोह में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस व महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ललिता यादव भी मौजूद थीं ।
 टाक शो
संभागीय बालभवन द्वारा जबलपुर प्रवास में आए राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय  अतिथि कलाकारों लेखको साहित्यकारोंवक्ताओं अधिकारियों  के साथ टाक शो का आयोजन किया जाता है. विगत वर्ष श्रीमती प्रज्ञाऋचा श्रीवास्तवआई पी एस ,  श्री शशांक गर्ग, (वक्ता-साहित्यकार एवं एडी. एस पी छिंदवाडा)श्री राहुल शाकल्य (रंग-कर्मी एन एस डी)श्री प्रहलाद अग्रवाल फिल्म समीक्षक लेखकश्री सत्यदेव त्रिपाठी फिल्म समीक्षकश्री मोहन शशिश्री प्रतुल श्रीवास्तवआदि के अलावा कोड रेड दल के सदस्य टाक-शो में शामिल हुए .
अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित गतिविधियाँ
1.     माता गुज़री कन्या महा विद्यालय :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण  , बालिकाओं के लिए लाडो अभियानएवं बेटी बचाओ बेटी पढाओ विषय एक दिवसीय  कार्यशाला का आयोजन
2.     बिदाम बाई  विद्यालय :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण ,
3.     सेठ गोविन्द दास  कन्या महा विद्यालय :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण
4.     मान कुंवर बाई  कन्या महा विद्यालय :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण
5.     नचिकेता इन्स्टीटयूट पाटन बाईपास :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण 
6.     शासकीय कन्या महाविद्यालय बरगी    :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण 
7.     सरस्वती शिशुमंदिर गढा फाटक :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा प्रदर्शन
8.     हैल्प बाय हैल्प एन जी ओ   :-  सांस्कृतिक संध्या
9.     नाट्यलोक जबलपुर                 :- बॉबी नाटक का 5 बार प्रदर्शन
10.   प्रगल्भ                                   :- साहित्यिक सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ 
11.    संयुक्त संचालक बाल विकास सेवा :- बालिका-दिवस
12.    मुक्ति फाऊडेशन  :- वृद्धाश्रम जबलपुर में सांस्कृतिक आयोजन 26 जनवरी 17 एवं 15 अगस्त 2017 को प्रस्तुत किये गए.
13. विवेचना रंगमंडल :- संभागीय बाल भवन जबलपुर के बच्चे श्री अरुण पांडे जी  के मार्गदर्शन में चलने वाली संस्था  विवेचना रंगमंडल संस्था के सहयोग से  प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं .
13.  महिला बाल विकास :-  26 जनवरी 18 महिला बाल विकास की  झांकी के  निर्माण हेतु लगातार पांचवे साल प्रथम स्थान प्राप्त किया                       
मान्यता
संभागीय बालभवन को 2017 से  राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय से संगीत / कला / अभिनय हेतु  मान्यता  प्राप्त हो चुकी है .  53 बच्चे विश्विद्यालयीन परिक्षा में शामिल हुए हैं. 

नवाचार : ब्रांड एंबेसडर के लिए नियमावली 

                                                                         जबलपुर दिनांक 20 मार्च 2019
प्रयोग के तौर पर 2014 से संभागीय बाल भवन ने ब्रांड एंबेसडर की नियुक्ति नियम उद्देश्य
 के लिए की थी
1.      किसी भी बच्चे को जो अतिरिक्त क्षमता योग्यता रखता हो तथा उसके प्रदर्शन एवं प्रस्तुतीकरण में विशिष्टता हो उसके प्रतिभा के अनुसार शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार किया जावे
2.      इससे बच्चे को बड़े काम को समझने का अवसर मिलेगा साथ ही इस बात का भी अनुभव होगा कि वह अपने कार्य को इस तरह करे कि उससे आम जनता जुड़े ।
3.      अन्य बच्चों के लिए भी वह बच्चा प्रेरणा का स्रोत बन सकता है । 
4.      प्रतिभाओं को शासकीय मंच पर अथवा निजी कार्यक्रम की प्रस्तुति में अवसर मिले । 
उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए केवल प्रयोग के तौर पर इशिता विश्वकर्मा को 22 दिसम्बर 2015 को ब्रांड एंबेसडर लाडो अभियान बनाया गया था । इशिता के स्वर बाल भवन के लाडो मेरी लाड़ो एलबम का प्रमुख गीत गाया । इसके अतिरिक्त कई बच्चों को भी अवसर मिला । एलबम के गीत बालविवाह रोको अभियान के लिए पूरे प्रदेश को भेजे गए थे । बालभवन ने यह महसूस किया कि दूसरा विषय स्वच्छता है । अतः 24 जनवरी 2017 में ब्रांड एंबेसडर के रूप में श्रेया खंडेलवाल को चुना गया । 
दौनो ब्रांड एम्बेसडर को लगातार कार्य करने के लिए शासकीय एवम निजी कार्यक्रमों में योजना की जानकारी एवम जनजागरण के लिये निरन्तर प्रोत्साहित किया गया । 
यह नवाचार उपयोगी सिध्द हुआ अतः इस वर्ष से ब्रांड एंबेसडर के लिए निम्नांकित नियम बनाए जाते हैं 
1 राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर यश अर्जन करने वाले बच्चों को जिले स्तर से तथा अन्य प्रतिभा शाली बच्चों को बालभवन स्तर से ब्रांड एंबेसडर बनाया जावेगा । 
2
पूर्व में नियुक्त किए बच्चों के स्थान पर नए बच्चों को आवश्यकता अनुरूप ब्रांड एंबेसडर विषयानुसार बनाया जा सकता है । 
3
यह नियुक्ति केवल सोशल वर्क के प्रति बच्चों की अभिरुचि एवम अभिव्यक्ति बढ़ाने के लिये मानसेवी तौर पर होगी ।
4
परिवार की स्वीकृति आवश्यक होगी 
5
ब्रांड एंबेसडर बनने का अवसर प्रदर्शनकारी अथवा क्रिएटिव कला के लिए समान रूप से होगा । 
6
नियुक्त ब्रांड एंबेसडर को विषय की जानकारी दी जावेगी ।
7
कोई भी ब्रांड एंबेसडर अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावित न करें और ना ही ऐसा कोई कार्य कर सकेंगे जिससे संस्था एवम शासन की छवि धूमिल हो ।
8
इस कार्यालय द्वारा विशेष अवसर पर कार्य सौंपा जावेगा ऐसी स्थिति में कार्यालय द्वारा परिवहन आहार की व्यवस्था की जावेगी ।
9
ब्रांड एंबेसडर कोई शासकीय सेवक का पद न होकर केवल एक अभिप्रेरित करने वाला दायित्व है । इससे ज्ञानवर्धन का अवसर भी प्राप्त होगा ।
10
यह दायित्व सौंपने न सौंपने का अधिकार बालभवन के प्रमुख का है । 
11
किसी भी बाल प्रतिभा को केवल 1 साल का समय प्राप्त होगा । 
12
इस नवाचार में अगर कोई बदलाव की आवश्यकता होती है तो बालभवन ही संशोधन परिवर्तन के लिए सक्षम होगा । 
13
निजी तौर पर बच्चे द्वारा किये गए प्रयास बालभवन के लिए बच्चे तथा आयोजन कर्ता अभिभावकों से सम्पर्क कर सकते हैं । 
14
बच्चों की आवाज़ , कला क्षमता, का उपयोग अगर बालभवन द्वारा किया जा सकता है । साथ ही पोस्टर स्लोगन आदि पर बच्चे का फ़ोटो / कलाकृतियों का सन्देश के साथ आवश्यकता अनुसार करने का अधिकार बालभवन का होगा । 
15
किसी भी बच्चे को बिना सुरक्षा की गारंटी के कोई भी शासकीय/अशासकीय संस्थान प्रचार प्रसार के लिए नहीं ले जा सकेंगे । किन्तु उनके अभिभावकों की स्वीकृति के उपरांत यदि ऐसा कार्य किया जाता है तो इस कार्यालय को कोई आपत्ति नहीं होगी । परन्तु बालभवन कार्यालय को सूचना अवश्य देनी होनी 
16
कार्यालय द्वारा निर्धारित गतिविधियों के समाचार कार्यालय द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा ही केवल पी आर ओ के माध्यम से जारी होंगें । अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित गतिविधियों की प्रेस रिलीज उक्त संस्थान द्वारा जारी होना चाहिए । बच्चों को आत्म प्रशंसा युक्त पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने को भी सकारात्मक नहीं माना जावेगा । बच्चों को चाहिए कि वे अपनी ब्रांडिंग खुद अपनी ओर से करने से बचें ताकि समाज में बेहतर सन्देश जाए । 
17
सोशल मीडिया पर प्रसारित प्रकाशित कंटेंट का दायित्व बालभवन का नहीं होगा । किन्तु निहित स्वार्थ के चलते अथवा व्यावसायिक लाभ के अर्जन हेतु एवं लाभ की प्राप्ति के लिए पोर्ट-फोलियो बनाने के लिए स्वयम के द्वारा स्वयम का प्रचार करना अनुचित गतिविधि माना जावेगा .
18 शासन/राज्य-सरकार-केंद्र सरकार या भारत के किसी भी राज्य व्यवस्था महिला-बाल विकास विभाग या बाल भवन के विरुद्ध अथवा  किसी भी जाति/धर्म/दिव्यांग व्यक्ति महिला पुरुष  प्रति भी विद्वेष पूर्ण भाव से की गई टीका टिप्पणी भी अनुचित होगी.
19 बालभवन में ब्रांड-एम्बेसडर की नियमित उपस्थिति भी अनिवार्य है .
20 शर्तों का पालन न करने अथवा कार्य न करने की दशा में ब्रांड एम्बेसडर को कार्य से मुक्त करने का अधिकार संस्था प्रमुख का होगा.
नोट : यह नवाचार केवल बच्चों के अभिव्यक्ति कौशल के विकास के साथ साथ उनमें शासकीय सामाजिक मुद्दों को समझने के लिए किया गया प्रयोग है.  इस प्रक्रिया को बंद भी किया जा सकता है. अत: केवल उद्देश्य एवं प्रयोजन के विरत कोई कार्य न हो पाए इसका ध्यान रखना अनिवार्य है.

गिरीश कुमार बिल्लोरे
सहायक-संचालक
संभागीय बाल भवन जबलपुर





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